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होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड, उत्तर प्रदेश, भारत की आधिकारिक वेबसाइट /
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आचार संहिता

इन विनियमनों को होम्योपैथिक प्रैक्टिशनर्स (व्यावसायिक आचार, शिष्टाचार व आचार संहिता) विनियमन, 1980 कहा जाएगा |

(a) पंजीकरण के समय, प्रत्येक अभ्यर्थी को स्वहस्ताक्षरित निम्न घोषणा एवं शपथ, संबंधित रजिस्ट्रार को जमा करना एवं उसके समक्ष पढ़ना होगा तथा पूर्वोक्त रजिस्ट्रार द्वारा अथवा होम्योपैथी के पंजीकृत प्रैक्टिशनर द्वारा अनुप्रमाणित होना चाहिए।:-
  1. मैं पूरी ईमानदारी से अपने जीवन को मानवता की सेवा के लिए अर्पित करने की शपथ लेता हूँ।
  2. किसी भयपूर्ण स्थिति में भी, मैं अपने चिकित्सकीय ज्ञान को मानवता के सिद्धान्त के विरुद्ध नहीं प्रयोग करूंगा |
  3. मैं मानव जीवन की गरिमा बनाए रखूँगा |
  4. मैं अपने कर्तव्य और मरीज के बीच में धर्म, राष्ट्रीयता, नस्ल, राजनीतिक विचारधारा अथवा सामाजिक स्तर को कभी नहीं आने दूंगा |
  5. मैं अपने कार्य का विवेक एवं गरिमा होम्योपैथी के सिद्धांतों के अनुसार तथा/अथवा औषधि के जैव रसायन (टिश्यू रेमेडी) के सिद्धांतों के अनुसार बनाए रखूँगा |
  6. मेरे मरीज का स्वास्थ्य मेरी पहली प्राथमिकता होगी |
  7. मैं उन सभी गोपनीयताओं का सम्मान करूंगा जो मुझ पर लागू हैं |
  8. मैं अपने गुरुओं को वह सम्मान एवं आभार दूँगा जिसके वह अधिकारी हैं |
  9. मैं स्वयं में निहित शक्तियों की सीमा तक चिकित्सा व्यवसाय की नेक परम्पराओं का सम्मान करूंगा |
  10. मेरे सहकर्मी मेरे भाई और बहन होंगे |
  11. मैं उपरोक्त वचन अपने विवेक से, स्वतंत्र रूप से व अपने सम्मान पर देता हूँ |
(b)

हैनीमैन शपथ

मैं अपने सम्मान की शपथ लेता हूँ कि मैं सदैव होम्योपैथी की शिक्षाओं का निर्वहन तथा उसका आदर करूंगा, अपना कर्तव्य निभाऊंगा, अपने मरीजों के प्रति न्याय की भावना रखूंगा तथा जो भी व्यक्ति मेरे पास उपचार हेतु आएगा, उसकी सहायता के लिए तत्पर रहूंगा। मैं यह प्रार्थना करता हूं कि गुरु हैनिमैन की शिक्षा मुझे सदैव प्रेरित करती रहे तथा मुझे अपने लक्ष्य को पूरा करने में शक्ति प्रदान करे।

मेडिकल प्रैक्टिशनर का चरित्र

मेडिकल व्यवसाय का प्रारम्भिक उद्देश्य मानवता को पूर्ण सम्मान व गरिमा के साथ सेवा प्रदान करना है, इन सेवाओं के बदले में धन का अर्जन हमेशा बाद में आता है | जो भी इस व्यवसाय का चयन करता है उसे इस व्यवसाय के सभी मानकों एवं इसके आदर्शों के प्रति कटिबद्ध होना पड़ता है। होम्योपैथी का प्रैक्टिशनर वह ईमानदार व्यक्ति होगा जिसे चिकित्सा की कला का ज्ञान दिया जाएगा। वह अपने चरित्र को शुद्ध रखेगा और पूरी मेहनत से मरीज की देखभाल करेगा | वह विनम्र, शांत, धैर्यवान और तत्पर होगा और बिना किसी चिंता के अपना कर्तव्य निभाएगा, वह पवित्र होगा और अपने पेशे में और अपने जीवन के सभी कार्यों में खुद को स्वामित्व देगा |

चरित्र एवं नैतिकता के स्तर

चिकित्सकीय व्यवसाय अपने सदस्यों से उच्च कोटि के चरित्र एवं नैतिकता की अपेक्षा करता है, और प्रत्येक होम्योपैथी प्रैक्टिश्नर इस स्तर को प्राप्त करने हेतु अपने व्यवसाय के साथ-साथ जनमानस का भी ऋणी है | होम्योपैथी का प्रत्येक चिकित्सक सभी मामलों में संयमी होने के लिए बाध्य होगा, क्योंकि चिकित्सा के अभ्यास के लिए एक स्पष्ट और शांत मस्तिष्क बनाए रखने की नितांत आवश्यकता होती है।

प्रैक्टिश्नर की जिम्मेदारियां

होम्योपैथी के प्रैक्टिशनर को उसके अधीन उपचाररत मरीज के आत्मविश्वास को बढ़ावा देना चाहिए एवं अपनी सेवा एवं समर्पण के प्रत्येक मानक का सम्मान करना चाहिए। चिकित्सा पेशे के सम्मानित आदर्शों का अर्थ है कि होम्योपैथी के चिकित्सक की जिम्मेदारियां न केवल किसी व्यक्ति विशेष तक बल्कि पूरे समाज तक फैली हुई हैं।

प्रचार

  1. होम्योपैथी के चिकित्सक द्वारा प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से या अखबारों में विज्ञापन के माध्यम से अथवा परिपत्र कार्ड या हैंडबिल के वितरण के माध्यम से मरीजों को लुभाना अनैतिक है। होम्योपैथी चिकित्सक को किसी भी लाभ के उद्देश्य से किसी भी दशा में खुद का इस्तेमाल नही करना चाहिए और न ही किसी को व्यक्तिगत अथवा सामूहिक लाभ हेतु खुद का (अर्थात चिकित्सक) नाम इस्तेमाल करने देना चाहिए और न ही उसे किसी प्रकार के विज्ञापन के संदर्भ में इस्तेमाल किया जाना चाहिए एवं न ही किसी चैनल के माध्यम से प्रसार करना चाहिए जिससे ऐसी प्रतीत हो कि चिकित्सक स्वयं की ओर ध्यान आकर्षण करना चाह रहा है अथवा उसके पद पर लोगों का ध्यान केंद्रित करने का प्रयास किया जा रहा है अथवा आत्मोत्थान में प्रभावी साबित हो। होम्योपैथी के चिकित्सक को निम्न मामलों में प्रेस के समक्ष आधिकारिक घोषणा के संबंध में अनुमति प्रदान की गई है:-’
    1. उसके कार्यारंभ का समय
    2. कार्य में बदलाव का प्रकार
    3. पते में परिवर्तन
    4. अपने कार्य से आंशिक अवकाश
    5. पुनः कार्य प्रारम्भ करना
    6. दूसरे के कार्य से आगे निकालना
  2. उत्पादन कंपनियों अथवा व्यापारियों की मूल्य सूचियों या प्रचार सामग्रियों के माध्यम से वे स्वयं को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से विज्ञापित नही करेगा जिनके साथ वे संबद्ध है एवं न ही वे किन्ही मामलों, ऑपरेशन अथवा लेटर ऑफ थैंक्स को (जो मरीजों से प्राप्त है) गैर-पेशेवर अखबार व जर्नल में प्रकाशित करेगा, बशर्ते उसे एक प्रोस्पेक्टस या एक निदेशक या तकनीकी विशेषज्ञ की रिपोर्ट के संबंध में अपना नाम प्रकाशित करने की अनुमति होगी।

व्यावसायिक सेवाओं का भुगतान

  1. चिकित्सा के क्षेत्र में कार्यरत होम्योपैथी के चिकित्सक रोगी को दी जाने वाली सेवाओं के संदर्भ पेशेवर गतिविधियों से प्राप्त फीस के लिए अपनी आय के स्रोतों को सीमित रखेंगे । ऐसी सेवाओं के लिए प्राप्त पारिश्रमिक केवल उसी समय प्रदान की गई सेवाओं के बदले होगा | इसके अतिरिक्त अन्य सभी मामलों में वह समाज में प्रचलित व्यावसायिक सेवाओं के मुआवजे को अपने सम्मान की बात समझेगा, जिसके लिए वह प्रैक्टिस करता है।
  2. होम्योपैथी का प्रैक्टिश्नर अपने विवेक का प्रयोग करते हुए मरीज से सुविधा शुल्क कम कर सकता है और इसका हमेशा प्रयास करेगा कि निर्धनता की स्थितियों पर सेवाओं का शुल्क हावी न हो सके और जो भी आय हो वह वैध प्रकार से हो |
  3. होम्योपैथिक चिकित्सक के लिए “भुगतान नहीं तो इलाज नहीं” जैसी कोई सीमा अथवा अनुबंध अनैतिक होगा |

8. छूट और कमीशन

होम्योपैथी का चिकित्सक सामान्य चिकित्सा, शल्य चिकित्सा या अन्य उपचार के लिए किसी भी मरीज को रेफर करने, उसकी सिफारिश करने के लिए विचार करने, किसी भी उपहार, ग्रेच्युटी, कमीशन या बोनस देने की पेशकश नहीं करेगा | न ही वह किसी पेशेवर सहकर्मी, उपकरणों के व्यापारी, डेंटिस्ट या ऑक्यूलिस्ट से कोई कमीशन या अन्य लाभ प्राप्त करेगा।

मरीज़ों के प्रति दायित्व

यद्यपि होम्योपैथी चिकित्सक हर उस व्यक्ति के उपचार हेतु बाध्य नही है जो उससे उसकी सेवाओं की मांग करे पर किसी आपातकाल परिस्थिती में चिकित्सक को मानवता एवं इस व्यावसाय की उदार परंपरा के आधार पर एवं अपने विवेक के अनुरूप एवं अपने लक्ष्य के दृष्टिगत अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करना चाहिए

प्रैक्टिशनर की जिम्मेदारी

  1. होम्योपैथी का चिकित्सक यह चुनाव करने के लिए स्वतंत्र है कि वह किसकी सेवा करेगा बशर्ते किसी आपात स्थिति में या जब भी जनमत, चिकित्सक से सेवा की अपेक्षा करता है, वह उसकी सहायता के लिए किसी भी अनुरोध पर अपनी सेवाएँ देगा |
  2. एक बार किसी केस को अपने हाथ में लेने के बाद, होम्योपैथी के चिकित्सक को रोगी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए | होम्योपैथी चिकित्सक यदि किसी कारणवश इलाज से पीछे हटना भी चाहे तो उसे रोगी को या उसके नजदीकी रिशतेदारों को बिना किसी पूर्व सूचना के पीछे नहीं हटना चाहिए | ऐसा करने से पहले उसे किसी दूसरे चिकित्सक की व्यवस्था कर देनी चाहिए |

सेवाओं का बंद किया जाना :-

(a) किसी होम्योपैथिक चिकित्सक द्वारा अपने सेवाएँ बंद करने के निम्नलिखित कारण होंगे:-
 
  1. हां वह देखता है कि कोई और चिकित्सक भी अपनी सेवाएँ देने के लिए मौजूद है |
  2. जहां वह देखता है कि उसके द्वारा निर्धारित की गई दवाओं के स्थान पर मरीज द्वारा कोई दूसरा उपाय किया जा रहा है |
  3. ऐसी स्थिति जहां उसके द्वारा सुझाए गए उपायों को अनदेखा कर दिया जाता है |
  4. जब होम्योपैथिक चिकित्सक को लगता है कि उक्त मरीज की बीमारी मात्र एक दिखावा है तथा चिकित्सक को व्यर्थ ही अन्य प्रयोजनों के दृष्टिगत एक पक्ष के रूप में गढ़ा जा रहा है |
  5. जब ऐसी स्थितियां हों जहां मरीज़ किन्हीं नशीली दवाओं का सेवन यथा शराब, अफीम, क्लोरल इत्यादि जो कि उपचार के विरुद्ध हो |
  6. जब मरीज़ के रिश्तेदार चिकित्सक को बीमारी अथवा परिस्थितियों से जुड़ी पूरी जानकारी नहीं देते |
(b) यह कहना कि व्यक्ति की बीमारी का कोई इलाज संभव नहीं, चिकित्सक को उसका इलाज बंद नहीं करना चाहिए | वह ऐसा तभी कर सकता है जब रोगी स्वयं उस चिकित्सक से अपना इलाज न कराना चाहे|

लापरवाही के कृत्य

  1. होम्योपैथी का कोई भी अभ्यासी अपने रोगी को आवश्यक चिकित्सा देखभाल से वंचित करने की लापरवाही नहीं करेगा।
  2. होम्योपैथी चिकित्सक से यह अपेक्षित है कि वह सेवाओं में परिश्रम और कौशल प्रदान करे, जैसा कि वह स्वयं जैसी समान दक्षता वाले दूसरे होम्योपैथिक चिकित्सक से अपेक्षित करता |
  3. कमीशन या चूक के उनके कृत्यों को उनकी अपेक्षित व्यावसायिक सेवा के किसी भी गैर-होम्योपैथिक मानकों द्वारा नहीं आंकलित नहीं किया जाएगा, वही मानक इस कार्य हेतु प्रयोग किए जाएंगे जिनकी एक अनुभवी, उच्च प्रशिक्षण प्राप्त  होम्योपैथ चिकित्सक से अपेक्षा की जाती है | 
  4. होम्योपैथी चिकित्सक होम्योपैथिक सिद्धांतों के अनुसार ही तैयार किसी भी दवा का उपयोग करेगा और आवश्यकतानुसार अन्य आवश्यक उपाय अपनाएगा।

मरीजों के प्रति व्यवहार

अपने रोगियों के प्रति होम्योपैथी के चिकित्सक का आचरण हमेशा विनम्र, सहानुभूतिपूर्ण, मैत्रीपूर्ण और सहायक होगा। प्रत्येक रोगी का उपचार ध्यान व पूर्ण विचारणीयता के साथ किया जाना चाहिए |

रोगी को देखने जाना

होम्योपैथी प्रैक्टिश्नर यह सुनिश्चित करेगा कि जो समय उसने रोगियों को दिया है, वह उसी समय पर जा कर उनका रोग निदान कर रहा है | इस प्रकार वह रोगियों को आराम पहुंचाने का अपना कर्तव्य निभा सकेगा |

रोग का निदान

  1. होम्योपैथी के प्रैक्टिशनर को रोगी की गंभीरता को न तो बढ़ाना चाहिए और न ही उसे कम समझना चाहिए | उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रोगी अथवा उसके रिशतेदारों के पास वह जानकारी है जो रोगी के इलाज में महत्त्वपूर्ण हो सकती है |
  2. गंभीर मामलों मे, जहां पर टिप्पने करना आवश्यक हो, होम्योपैथी चिकित्सक सुनिश्चित करेगा कि रोगी के मित्रों अथवा रिश्तेदारों को समय पर ही नोटिस जारी कर दी है, यदि आवश्यक हुआ तो यह बात रोगी को भी बताई जा सकती है |

धैर्य, विनम्रता और गोपनीयता

धैर्य और विनम्रता होम्योपैथी चिकित्सक के लिए विशेषता होगी। चिकित्सक का दायित्व होगा कि वह रोगियों द्वारा उसे सौंपे गए व्यक्तिगत या घरेलू जीवन से संबंधित विश्वास और चिकित्सा उपस्थिति के दौरान पाए गए, रोगियों के चरित्र या चरित्र में दोष को प्रकट न करे, सिवाय तब जबकि राज्य के नियमानुसार उनका बताया जाना आवश्यक हो |

पेशे का सम्मान

होम्योपैथी चिकित्सक हर समय इस पेशे की गरिमा और सम्मान को बनाए रखेगा।

मेडिकल सोसायटी की सदस्यता

अपने पेशे की उन्नति के लिये होम्योपैथी चिकित्सक को चाहिए कि वह स्वयं को मेडिकल सोसायटी के साथ संबद्ध करे तथा अपनी प्रगति में अपना समय, ऊर्जा और साधन का योगदान दे | इस प्रकार वह अपने पेशे का धिक बेहतर प्रतिनिधित्व और प्रचार कर सकेगा |

अनैतिक आचरण का एक्सपोजर

होम्योपैथी का अभ्यासी बिना किसी भय के अपने पेशे से जुड़े किसी सदस्य के अक्षम, भ्रष्ट, बेईमान या अनैतिक आचरण को जन मानस के सामने रखेगा |

अपंजीकृत व्यक्तियों के साथ संबंध

होम्योपैथी व्यवसायी होम्योपैथी के अपंजीकृत चिकित्सकों के किसी भी समूह या समाज के साथ खुद को पेशेवर रूप से संबद्ध नहीं करेगा।

स्थानापन्न की नियुक्ति

जब भी कोई होम्योपैथी चिकित्सक अपनी अस्थायी अनुपस्थिति के दौरान अपने रोगियों की देखभाल के लिए किसी दूसरे से अनुरोध करता है, तो पेशेवर शिष्टाचार की पुकार पर दूसरे चिकित्सकों को ऐसा अनुरोध स्वीकार कर लेना चाहिए | जो चिकित्सक स्थानापन्न के रूप में नियुक्त हुआ है वह अनुपस्थित चिकित्सक के सम्मान एवं हित को स्वयं से पहले रखेगा | वह अपनी सेवाओं के लिए रोगी या होम्योपैथी के अनुपस्थित चिकित्सक को उनके बीच एक विशेष व्यवस्था के मामले में चार्ज नहीं करेगा। ऐसे सभी रोगियों को अनुपस्थित चिकित्सक के लौट आने पर देखभाल हेतु उनके सुपुर्द किया जाएगा |

होम्योपैथी के चिकित्सकों के लिए सेवा शुल्क

  1. ऐसा कोई नियम नहीं है कि होम्योपैथी का एक चिकित्सक होम्योपैथी के किसी अन्य चिकित्सक से अपनी सेवाओं के लिए शुल्क नहीं लेगा, लेकिन होम्योपैथी व्यवसायी अपने पेशेवर भाई और उसके आश्रितों के लिए कृतज्ञ सेवा प्रदान करने के लिए इसे एक खुशी और सौभाग्य की बात मान सकता है, यदि वे हैं उसके आसपास के क्षेत्र में अथवा मेडिकल के छात्र हों |
  2.  जब होम्योपैथी प्रैक्टिशनर को किसी आपात स्थिति में किसी अन्य होम्योपैथी चिकित्सक की देखरेख में रह रहे मरीज़ को देखने के लिए बुलाया जाता है तब आपात स्थिति बीत जाने के बाद उक्त प्रेकताशनर की सेवाएँ समाप्त मानी जाएंगी, परंतु उसे अधिकार होगा कि वह रोगी से अपनी सेवाओं के किए चार्ज कर सके |
  3. जब होम्योपैथी के किसी चिकित्सक द्वारा रोगी को उसके स्वयं के निवास पर ही परामर्श दिया जाता है तो उसके लिए ये आवश्यक नहीं कि कि व ये जानकारी करे कि क्या रोगी किसी और होम्योपैथिक चिकित्सक से सलाह ले रहा है अथवा नहीं |
  4. जब होम्योपैथी का एक परामर्शदाता, होम्योपैथी के किसी अन्य चिकित्सक के अनुरोध पर किसी रोगी को देखता है, तो यह उसका कर्तव्य होगा कि वह उपचार के तरीके के साथ साथ मामले पर अपनी राय बताते हुए एक पत्र लिखे यह भी बताते हुए कि उसके मतानुसार उक्त राय को अपनाया जाना आवश्यक है |

प्रसूति मामले में संलग्नता

  1. यदि होम्योपैथी का अभ्यासी अपने कारावास के दौरान किसी महिला के प्रसूति मामले को अटेण्ड करने में संलग्न है, तो उसे ऐसा ही करना होगा | किसी अन्य संलग्नता की आड़ लेकर उक्त कार्य से इनकार करना नैतिक कदम नहीं होगा, हाँ यदि वह पहले से ही इसी तरह के किसी मामले अथवा गंभीर इलाज में संलग्न है तो यह मान्य होगी |
  2. जब होम्योपैथी का एक चिकित्सक जो प्रसूति के मामले में अपनी सेवाएँ देने में कार्यरत है और किन्हीं कारणों से अनुपस्थित हो जाता है , एवं उसके स्थान पर किसी दूसरे चिकित्सक को भेजा जाता है और प्रसव पूरा करवाया जाता है, तो उक्त दूसरा चिकित्सक अपनी पेशेवर फीस का हकदार होगा; बशर्ते वह रोगी की पूर्व सहमति ले कि पहले से लगे होम्योपैथी के चिकित्सक के वापस लौटने पर उससे सेवाएँ नहीं ली जाएंगी |

जब किसी बीमारी या चोट को देखने और उसकी रिपोर्ट करने के लिए आधिकारिक पद पर काबिज होम्योपैथी चिकित्सक की ड्यूटी बन आती है, तो वह होम्योपैथी के चिकित्सक (जो पहले से ही वहाँ कार्यरत है) से अपनी उपस्थिति के लिए संवाद करेगा कि उसे मौके पर उपस्थित रहने का विकल्प दिया जाए | चिकित्सा अधिकारी उन निदानों अथवा उपचार पद्धति, जो रोगी पर अपनाए गए हैं, पर कोई भी टिप्पणी नहीं करेगा |

परामर्श को प्रोत्साहित किया जाएगा

गंभीर बीमारी के मामलों में, विशेषकर कठिन या संदिग्ध स्थितियों में होम्योपैथी के चिकित्सक परामर्श की सलाह देंगे | परामर्श, चिकित्सीय गर्भपात में, उस महिला के इलाज में जिसने आपराधिक गर्भपात करवाया हो, विषाक्तता के संदिग्ध मामलों में या जब रोगी या उसके प्रतिनिधि द्वारा इच्छित हो, दिया जाएगा |

परामर्श में समय की पाबंदी

परामर्श के लिए बैठक में होम्योपैथी चिकित्सक द्वारा समय की पाबंदी का विशेष ध्यान रखा जाएगा | यदि होम्योपैथी परामर्शदाता निर्धारित समय बीत जाने के 15 मिनट बाद भी नहीं पहुंचता है, तो होम्योपैथी के पहले चिकित्सक के पास रोगी को अकेले देखने की स्वतंत्रता होगी, बशर्ते देरी से आने वाला होम्यपैथिक परामर्शदाता लिखित में अपना कार्य छोड़ने की सहमति एक बंद लिफाफे में दे दे |

रोगी का किसी दूसरे चिकित्सक के पास भेजा जाना

यदि किसी मरीज को अटेंडिंग होम्योपैथी चिकित्सक द्वारा अन्य चिकित्सक के पास भेजा जाता है तो, उस नए होम्योपैथी चिकित्सक को मामले का विवरण दिया जाएगा। बाद में नियुक्त हुआ होम्योपैथिक चिकित्सक एक बंद लिफाफे में अपने मत को लिखित रूप में अटेंडिंग होम्योपैथिक को प्रेषित करेगा।

रोगी के लाभ के लिए परामर्श

प्रत्येक परामर्श में, रोगी को लाभ दिया जाना प्रथम वरीयता होगी| होम्योपैथी के सभी चिकित्सक मरीज के परिवार के किसी सदस्य अथवा उसके जिम्मेदार मित्रों के साथ परामर्श हेतु सक्षम होंगे |

परामर्श में आचरण

  1. परामर्श के दौरान निजी प्रतिद्वंदिता, द्वेष अथवा ईर्ष्या का कोई स्थान नहीं होगा | प्रभारी होम्योपैथी चिकित्सक को पूर्ण व यथोचित सम्मान दिया जाएगा व इस प्रकार का कोई बयान अथवा टिप्पणी नहीं की जाएगी जो रोगी में चिकित्सक के विश्वास को कम कर दे | इस विषय पर रोगी या उसके परिवारीजनों की उपस्थिति में कोई चर्चा नहीं की जाएगी |
  2. संबन्धित होम्योपैथिक प्रैक्टिश्नर्स की उपस्थिति में रोगी को या उसके परिवारीजनों को पूरा विवरण दिया जाएगा, पूर्व सहमति को छोड़कर, अपनी राय रोगी या उसके मित्रों अथवा परिवारीजनों को देने की स्वतन्त्रता होम्योपैथिक चिकित्सक के पास सुरक्षित होगी |
  3. चिकित्सकों के मत में यदि अंतर हो तो भी उन्हें अनावश्यक रूप से उजागर नहीं किया जाएगा, जब तक कि उनमें कोई अपूर्णीय अंतर न हो, तो परिस्थितियों को रोगी और उसके दोस्तों को स्पष्ट और निष्पक्ष रूप से समझाया जाएगा।
  4. यदि मरीज भविष्य में भी होम्योपैथी परामर्श लेना चाहता है तो उसका स्वागत है।

परामर्श की समाप्ति

होम्योपैथी के परामर्शदाता का कार्य तब समाप्त माना जाएगा जब उसके परामर्श का कार्य पूरा हो जाएगा,अथवा जब तक अटेंडिंग होम्योपैथी चिकित्सक द्वारा दूसरी नियुक्ति का प्रबंधन नही किया जाता।

परामर्श के बाद उपचार

  1. कोई भी निर्णय होम्योपैथी के अटेंडिंग चिकित्सक को उपचार में बदलाव करने से नहीं रोकेगा क्योंकि रोगी की स्थिति के अनुसार किसी भी अप्रत्याशित परिवर्तन की आवश्यकता हो सकती है; बशर्ते पिछले परामर्श पर भिन्नता के कारण बता दिये गए हों ।
  2. यदि किसी होम्योपैथी अटेंडिंग को किसी वर्तमान चिकित्सक की अनुपस्थिति में आपात स्थिति में भेजा जाता है तो उसके वही अधिकार व दायित्व होंगे जो पूर्व चिकित्सक के थें| अटेंडिंग होम्योपैथिक चिकित्सक रोगी को किसी भी समय में दवाएं लिख सकते हैं परंतु परामर्शदाता केवल आपातकालीन स्थितियों में ही ऐसा करने का अधिकारी होगा |

परामर्शदाता द्वारा मामले का प्रभार नहीं ग्रहण करने हेतु

  1. यदि होम्योपैथी चिकित्सक को परामर्शदाता के तौर पर नहीं बुलाया गया है परंतु रोगी की स्थितियाँ दुर्लभ एवं असाधारण हैं तो वे मामले का चार्ज लेने के लिए संबन्धित परामर्शदाता का औचित्य साबित करेगा।  
  2. होम्योपैथिक चिकित्सक को केवल रोगी या उसके मित्रों के कहने पर ही ऐसा नहीं कर देना चाहिए |

गैर-पंजीकृत प्रैक्टिश्नर से परामर्श लेने पर रोक

होम्योपैथी का कोई भी चिकित्सक किसी भी अपंजीकृत होम्योपैथी चिकित्सक से परामर्श नहीं लेगा |

प्रैक्टिश्नर एक नागरिक के तौर पर

होम्योपैथी के चिकित्सक एक अच्छे नागरिक की भांति, विशेष प्रशिक्षण से युक्त होते हैं, वे सदा अपने समुदाय को अच्छे स्वास्थ्य के लिए परामर्श देंगे | वे समाज के नियमों को लागू करने और मानवता के हित को आगे बढ़ाने वाली संस्थाओं को बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाएंगे। वे स्वच्छता कानूनों और नियमों के पालन और प्रवर्तन में अधिकारियों के साथ सहयोग करेंगे और सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा और संवर्धन के लिए बने ड्रग्स, जहर और फार्मेसी से संबंधित सभी कानूनों के प्रावधानों का पालन करेंगे।

सार्वजनिक स्वास्थ्य

सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यों में लगे होम्योपैथी के चिकित्सक, संगरोध नियमों और महामारी और संचारी रोगों की रोकथाम के उपायों के बारे में जनता को बताएंगे। होम्योपैथी प्रैक्टिश्नर हर समय चिकित्सकों को स्वास्थ्य देखभाल के कानूनों, नियमों और विनियमों के अनुसार, उनकी देखभाल के तहत संचारी रोग के हर मामले के लिए गठित सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करेगा। जब महामारी फैलती है, तो होम्योपैथी चिकित्सक अपने स्वयं के स्वास्थ्य की परवाह किए बिना अपने कर्तव्यों को जारी रखेगा।

वितरण

होम्योपैथी चिकित्सक को अपने स्वयं के पर्चे तैयार करने और उसे रोगियों को देने का अधिकार है।

निम्नलिखित कार्य पेशेवर कदाचार की श्रेणी में होंगे

  1. रोगी के साथ व्यभिचार या अनुचित आचरण करना, या रोगी के साथ अनुचित संबंध बनाए रखना;
  2. नैतिक उत्पीड़न से जुड़े अपराधों के लिए किसी न्यायालय द्वारा दी गई सजा;
  3. होम्योपैथी चिकित्सक द्वारा उसके नाम और पद के तहत हस्ताक्षर करना या देना किसी भी प्रकार का चरित्र प्रमाण पत्र, रिपोर्ट या दस्तावेज जो कि असत्य, भ्रामक या अनुचित है;
  4. ड्रग्स और नियमों से संबंधित विधिक प्रावधानों का अंतर्विरोध;
  5. विधि द्वारा विनियमित औषधि अथवा विष आम जनता अथवा अपने रोगियों के बेचना |
  6. स्वयं ही गर्भपात या किसी भी गैरकानूनी ऑपरेशन करना या किसी अयोग्य व्यक्ति को इस काम के लिए सक्षम करना जिसके पास चिकित्सा, शल्य या मनोवैज्ञानिक चिकित्सा की कोई मान्यता ही नहीं है |
  7. अकुशल अथवा गैर-चिकित्सीय व्यक्तियों को होम्योपैथी में प्रमाणपत्र निर्गत करना बशर्ते कि यह होम्योपैथी के चिकित्सकों के व्यकत्तिगत अनुरक्षण के अंतर्गत वैध चिकित्सकों, मिडवाइफ, डिस्पेंसर, सर्जिकल अटेंडेंट अथवा कुशल यांत्रिक एवं तकनीकि सहायक के यथोचित प्रशिक्षण अथवा निर्देशों में बाधा न उत्पन्न करे।
  8. केमिस्ट की दुकान पर या ऐसे स्थानों पर अपना साइनबोर्ड लगाना जहां होम्योपैथी चिकित्सक का कार्य क्षेत्र अथवा निवास स्थान न हो | 
  9. पीठासीन से जज के आदेशों के तहत कोर्ट ऑफ लॉ के अतिरिक्त अपनी प्रोफेशनल लाइफ के दौरान रोगी के ज्ञात रहस्यों को उजागर करना।
  10. किसी भी मेडिकल या अन्य पत्रिका में रोगियों की तस्वीरों या केस-रिपोर्ट को इस तरह से प्रकाशित करना जिससे उनकी निजता भंग होती हो, हालांकि यदि मरीजों की पहचान का खुलासा नहीं किया जाता है, तो ऐसे प्रकाशनों के लिए मरीज की सहमति लिया जाना आवश्यक भी नहीं है |
  11. चिकित्सक के परामर्श अथवा प्रतीक्षा हाल को अतिरिक्त सार्वजनिक रूप से फीस का प्रदर्शित किया जाना |
  12. रोगियों की लुभाने के लिए दलालों अथवा एजेंटों का उपयोग करना;
  13. संबंधित विषय में अध्ययन और अनुभव के वर्षों की पर्याप्त संख्या पर ध्यान दिए बिना या संबंधित शाखा में एक विशेष योग्यता के बिना ही विशेषज्ञ होने का दावा करना।

कार्यालय का पता

होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड,
2 नबी उल्लाह रोड, सिटी स्टेशन के पास,
लखनऊ

शीघ्र संपर्क

फोन नंबर. : 0522-2618850
फैक्स नंबर : 0522-2616638
ईमेल : registrar@hmbup.in

तकनीकी सहायता

फोन नंबर : 0522-4150500
समय : सुबह 10:00 बजे से शाम 05:30 बजे तक (कार्य दिवसों पर)

अंतिम नवीनीकृत : गुरुवार, 19, सितम्बर 2024 | 02:18 PM
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